शनिवार, 8 नवंबर 2008

संवाद !

जब-जब जो भी मुखातिब हो उससे संवाद -सूत्र जोड़ !
ये पल शायद ...फ़िर मुनासिब हो कि...न हो इस संशय में बात कल पर मत छोड़ ...!!

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